एनिमल रेस्क्यू के लिए अब उ. प्र.के निवासी "यूपी-100" घुमाएंगे
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सहयोग से यू.पी. पुलिस ने की "एनिमल रेस्क्यू वालंटियर प्रोग्राम" की शुरुआत की
लखनऊ (उत्तर प्रदेश )
पूरे विश्व में 4 अक्टूबर को "वर्ल्ड एनिमल डे" का आयोजन किया जाता है. देश में केंद्र सरकार के अधीन कार्यरत भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के तत्वावधान में जीव जंतु कल्याण संस्थाएं, जीव जंतु क्रूरता निवारण समितियां, ब्लू क्रश और पीएफए नामक सभी पशु कल्याण की संस्थाएं "वर्ल्ड एनिमल डे" का बढ़-चढ़ कर आयोजन करती है. संस्थाओं की ख्वाहिश होती है कि इस अवसर पर कुछ नया करें क्योंकि एक प्रबल भावना के साथ इसका आयोजन किया जाता है .इस क्रम में इस बार 4 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्री एंबुलेंस सेवा की आरंभ की है जिसको मनुष्य केलिए संचालित सेवा के ही तौर - तरीके से जोड़ दिया गया है अर्थात बस फोन घुमाइए और 100 का नंबर लगाइए देखते ही देखते कुछ देर में आपके इच्छा अनुसार घायल, बीमार या मौत से जूझते जानवर को बचा लिया जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सहयोग से यू.पी. पुलिस ने की "एनिमल रेस्क्यू वालंटियर प्रोग्राम" की शुरुआत की। बोर्ड की सचिव डॉ. नीलम बाला ने बताया कि उत्तर प्रदेश के एडीजी के अनुरोध पर बोर्ड की ओर से वॉलिंटियर प्रोग्राम में भरपूर सहयोग दिया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पिछले शुक्रवार को "यूपी-100" मानव सेवा की व्यवस्था 'एनीमल रेस्क्यू वालंटियर कार्यक्रम" से जोड़ दिया गया है. इसके साथ ही खाकी वर्दीधारियों का अनदेखा, अनसुना और मानवता से भरा संवेदनशील चेहरा भी सामने आया है क्योंकि पुलिस के बारे में लोगों की सोच हमेशा विभिन्न रहती है. इस कार्यक्रम के संचालन से पूरे देश में एक नया संदेश गया है. इस व्यवस्था से अब उत्तर प्रदेश का कोई व्यक्ति अपने क्षेत्र में किसी स्थान से घायल अथवा बीमार अवस्था में पड़ा देखकर उसकी मदद के लिए सीधे 100 पर कॉल कर सकता है. इस कार्यक्रम के तहत पुलिस संबंधित जीव जंतु कल्याण संस्था के जरिये घायल अथवा बीमार पशुओं को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा. सरकारी सूत्रों के अनुसार अब तक 18,756 पशुओं बचाया जा चुका है.
एडीजी यूपी-100 असीम अरुण ने बताया कि पुलिस ने अब तक 24 से अधिक एनिमल रेस्क्यू वालंटियर पंजीकृत कर चुका है. पशुओं की सेवा करने वाली संस्थाएं "यूपी-100" में कॉल करके अथवा "यूपी 100" की वेबसाइट पर सीधे जाकर अपना पंजीकरण करा सकती हैं. पुलिस ने इस काम के लिए जनपद के हर क्षेत्र में एनिमल वालंटियरों की फौज तैयार करने की कसरत शुरू कर दी है. पुलिस ने इसके लिए वालंटियर्स को जोड़ने के लिए डायल 100 कर पंजीकृत कराने या बेवसाइट पर फार्म डाउनलोड कर फार्म भरने का अनुरोध किया गया है , जिससे कोई भी व्यक्ति इसका सदस्य बन सकता है.इस प्रोगेम - "यूपी-100" पर पशुओं की मदद से जुड़ी कोई कॉल आने पर पुलिस संबंधित क्षेत्र की संस्था अथवा "एनिमल रेस्क्यू वालंटियर" को मौके पर भेजेगी. संबंधित क्षेत्र में तैनात "यूपी-100" की "पीआरवी वालंटियर" को मौके तक पहुंचने में सहयोग करेगी.उत्तर प्रदेश सरकार ने भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सहयोग से यू.पी. पुलिस ने की "एनिमल रेस्क्यू वालंटियर प्रोग्राम" की शुरुआत की. इस संबंध में बोर्ड की सचिव डॉ. नीलम बाला ने बताया कि उत्तर प्रदेश के एडीजी के अनुरोध पर बोर्ड की ओर से वॉलिंटियर प्रोग्राम में उत्तर प्रदेश में नियुक्त सभी बोर्ड के मानद पदाधिकारी एवं मान्यता प्राप्त संस्थाओं की सूची दे कर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया गया है. बोर्ड के सभी मानद अधिकारी इससे खुश है.
यूपी पुलिस ने ट्वीट करके अपनी इस नई सेवा की जानकारी लोगों से साझा की है. एडीजी के अनुसार पशुओं के लिए "एनीमल रेस्क्यू वालंटियर सर्विस" की परिकल्पना अभी हाल में ही चालू की गई है जिसका पब्लिक ने जोरदार स्वागत किया है.बताया जा रहा है कि इस प्रकार की सेवा उत्तर प्रदेश में पहली बार आरंभ की गई है.हालांकि, अन्य प्रदेशों में इसी से मिलती-जुलती पशु स्वास्थ्य सेवाएं पहले से चलाई जा रही है लेकिन यह जिम्मेदारी पशु चिकित्सा विभाग के अधीन रखा गया है ना कि पुलिस विभाग के उत्तर प्रदेश का यह अभियान अत्यंत प्रशंसनीय है.
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