विश्व के दो दिग्गज राजनेताओं की तमिलनाडु वार्ता से नई उम्मदें

कई अर्थ  हैं प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति से तमिलनाडु में मुलाकात के 

महाबलीपुरम, चेन्नई (तमिलनाडु)


आज तमिलनाडु के अत्यंत प्राचीन एवं लोकप्रिय महाबलीपुरम मेँ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का   मिलन कहने के लिए एक औपचारिक बातचीत है किंतु इस बात से नकारा नहीं जा सकता कि विश्व के दो राजनैतिक महानायको के बीच होने वाला संवाद किसी न किसी लक्ष्य पर जरूर पहुंचेगा.बताया जारहा है कि इसमें कोई कूटनीतिक एजेंडा पहले से सुनिश्चित नहीं है और दोनों नेता बस मिल  रहे हैं.जिसके दौरान वह कई मंदिर  देखेंगे . यह बता दें प्रधानमंत्री मोदी का इस मुलाकात के है लिए महाबलीपुरम को चुनना कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि इस शहर का चीन से 1700 साल पुराना जिसका व्यापारिक संबंध कभी चीन के साथ बड़े ही गहराई से जुड़ा हुआ था जिससे मोदी भारत और चीन के पास्परिक संबंधों एवं व्यापारिक इतिहास को दुहरा रहें है .



आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चेन्नई एयरपोर्ट पर करीब 2 बजे लैंड हुए . इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी  शाम को तमिलनाडु के मामल्लापुरम में उनका शानदार स्वागत किया. पीएम मोदी वहां पर तमिलनाडु के लोक संस्कृति के अनुसार सफेद धोती की लूंगी के साथ शर्ट पहने हुए दिखे. पीएम मोदी ने वहां के ऐतिहासिक स्थल चीनी राष्ट्रपति के साथ मंत्रणा की. इसी दौरान वह  महाबलीपुर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नारियल  पानी पिलाया और  बातचीत की.इस दौरान  पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति हंसते हुए नजर आए. इससे पहले मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग को कृष्ण का माखन- लड्डू दिखाया. इसकी ऊंचाई 6 मीटर और चौड़ाई करीब 5 मीटर है. इसका वजन 250 टन है. साथ ही पंचरथ, अर्जुन तपस्या स्थल और शोर मंदिर भी दिखाया.


ऐसा माना जा रहा है भारत और चीन के रिश्ते में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात से एक नए अध्याय की शुरुआत होगी. अब दोनों नेताओं के बीच कई अहम मसलों पर बातचीत होगी. पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच मुलाकात से पहले मामल्लापुरम को छावनी में तब्दील कर दिया गया. सूत्रों के अनुसार तकरीबन 5,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए है.साथ ही  नेवी के युद्धपोत भी तैनात किए गए हैं. रात तक चलने वाली बैठक के बाद दोनों नेता चर्चाओं को जारी रखने के लिए शनिवार को दोबारा मिलेंगे।वैसे चीनी राष्ट्रपति का यह दौरा 48 घंटे का है. चीन के राष्ट्रपति शनिवार की दोपहर में नेपाल के लिए रवाना हो जाएंगे.


राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसारदर इस प्रकार के अनौपचारिक बैठकों के बाद न कोई संयुक्‍त घोषणापत्र जारी किया जाता है और न ही औपचारिक बयान जारी होते हैं. ऐसे में मुलाकातों का सबसे बड़ा संकट यही है कि इसमें बैठक के वास्‍तविक नतीजों का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है.राष्ट्रपति शी की यह यात्रा दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ शी की बैठक के बाद कश्मीर पर तीखे शब्दों का आदान-प्रदान करने के बाद आई है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल पर अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की मुक्त प्रवाह प्रकृति उच्चतम स्तर पर संपर्क जारी रखेगी और भविष्य के प्रक्षेप पथ को गहरा करेगी.


सूत्रों ने कहा कि आतंकवाद, प्रशिक्षण, वित्तपोषण और आतंकी समूहों को किसी भी अन्य समर्थन सहित, चर्चा किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों में से एक होगा. अन्य व्यापार, रक्षा और सीमा मुद्दे होंगे। सूत्रों का कहना है कि दोनों पक्ष भारत-चीन सीमा के लिए संभावित विश्वास-निर्माण उपायों को भी देख रहे हैं, जिसकी घोषणा बाद में की जा सकती है.राष्ट्रपति शी और इमरान खान की बैठक के बाद एक संयुक्त बयान में कहा गया कि जम्मू और कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के आधार पर उचित और शांति से हल किया जाना चाहिए.


भारत ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भारत की स्थिति सदैव स्पष्ट रही है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. चीन हमारी स्थिति से अच्छी तरह से अवगत है. इसलिए भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने अन्य देशों को टिप्पणी करने की आवश्यकता नहीं है. सरकार ने यह भी कहा है कि जम्मू और कश्मीर में कदम और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाना एक आंतरिक मामला है.


राजनीतिक पंडितों का यह भी मानना है कि तमिलनाडु में यह मुलाकात का असर तमिलनाडु की जनताऔर राजनीतिक हलके में एक गर्मी पैदा कर दिया है.तमाम विपक्षी पार्टियां भी अब मुस्कुराने लगी हैं क्योंकि तमिलनाडु के लोग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समझने लगे हैं.बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार दक्षिण राज्यों की जन संघर्ष और चुनौतियों को विशेष प्राथमिकता देकर सबके मन को जीतने में लगा हैजो निरंतर सफलता की ओर आगे बढ़ रहा है.


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