झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ ने भी कोरोना वायरस प्रसरण रोकने के लिए लॉक डाउन अवधि के दौरान आकस्मिक पशु चिकित्सा सेवा में शामिल होने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया- जवाब की प्रतीक्षा जारी है
रांची (झारखंड),26मार्च 2020
अभी हाल में ही भगवान बिरसा जैविक उद्यान ओरमांझी में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है तथा उपायुक्त, रांची द्वारा पशुपालन विभाग को एवं वन विभाग को आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है। ज्ञात हो कि बर्ड फ्लू का वायरस भी मानव को संक्रमित करने की पूर्ण क्षमता से लैस है जिसका उचित निपटारा समय-समय पर दिए गए गाइडलाइंस के द्वारा पशुपालन विभाग ,स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन के संयुक्त प्रयास से किया जाना अति आवश्यक है।
झारखंड जीव जंतु कल्याण बोर्ड के प्रभारी डॉ. शिवानंद काशी ने बताया कि झारखंड सरकार द्वारा कोरोना के मद्देनजर आपातकालीन सेवाओं की सूची में पशु चिकित्सा एवं पशु पालन सेवाओं को अभी तक कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिए जाने के कारण पशु चिकित्सकों का समूचा समूह आपातकालीन सेवाओं के बजाय लॉक डाउन की स्थिति में पशु सेवा कार्य से वंचित है। उन्होंने आगे यह भी बताया कि झारखंड पशु चिकित्सा संघ झारखंड सरकार को एक पत्र लिख करके आग्रह किया गया है कि उत्तराखंड सरकार की तरह झारखंड में उन्हें आकस्मिक सेवा के लिए तैनात अधिकारियों के साथ जोड़ करके पशु पालकों एवं पशु प्रेमियों द्वारा देखभाल किए जा रहे पशु - पक्षियों की भोजन पानी एवं स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक , तत्कालिक एवं आपातकालीन सेवाओं का अवसर प्रदान किया जाए।
डॉ. शिवानंद ने केंद्रीय अध्यादेश का हवाला देते हुए बताया कि भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड , भारत सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के प्रति फिलहाल राज्य सरकार को सौंप दी गई है उसमें पशु चिकित्सा सेवाओं को आवश्यक सेवा की सूची में रखने का स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं किंतु अभी तक राज्य सरकार के द्वारा कोई निर्देश नहीं दिया गया है. सूत्रों के अनुसार झारखंड राज्य के पशुपालन विभाग द्वारा औसतन ढाई लाख पशु पक्षी का इलाज प्रतिमाह किया जाता है जो झारखंड ग्रामीण एवं शहरी पशुपालन कि एक रीढ़ का काम करती है। अगर पशुपालन और पशु चिकित्सा सेवाओं को आवश्यक सेवा से अलग कर दिया जाए तो वर्तमान लॉक डाउन की स्थिति में पशु स्वास्थ्य सेवाओं के वजह से प्रदेश में तबाही की स्थिति पैदा हो जाएगी। यहां तक कि पार्वो फार्म वायरस, बकरियों में गोट पॉक्स तथा अन्य मौसम जनित बीमारियों का तेज प्रकोप ग्रामीण पशुपालन व्यवस्था चौपट कर देगा।
झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ के महासचिव डॉ. डी. आर. विद्यार्थी के अनुसार सरकार को आगाह करना पशु चिकित्सकों की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। अगर झारखंड सरकार के द्वारा पशु चिकित्सकों को आकस्मिक चिकित्सा सेवा में जोड़कर जनसामान्य से लेकर पशु स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन अवसर प्रदान किया जा रहा है तो झारखंड सरकार को समय रहते हुए इस सेवा का अवसर प्रदान करना चाहिए अन्यथा बर्ड फ्लू, कुत्तों के पार्वो वायरस, बकरियों में गोट पॉक्स तथा अन्य मौसम जनित बीमारियों के तेज प्रकोप ग्रामीण पशुपालन एवं अर्थव्यवस्था को काफी चोट पहुंचेगी जिससे प्रदेश मैं गरीब तबके के लोगों का काफी नुकसान होगा।
संघ के अध्यक्ष डॉ. विमल कुमार हेंब्रम बताया कि झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ झारखंड सरकार से विनम्र अनुरोध है कि पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाओं को आपातकालीन सेवा श्रेणी के तहत रखा जाए ताकि ग्रामीण पशुपालकों को पशु चिकित्सकों की सेवाओं का भरपूर मौका मिले । इसलिए झारखंड पशु चिकित्सा सेवा संघ झारखंड सरकार से पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवाओं को आवश्यक एवं आपातकालीन सेवा घोषित कर ग्रामीण पशुपालकों का होने वाला नुकसान रोक ली जाए।
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