एम्स से ऑपरेशन करा कर लौटे रामानुज सिंह सरकार की कड़ी हिदायतों का पालन करते हुए जीव रक्षा में जुटे हुए हैं


गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश ) 
उत्तर प्रदेश के  जनपद गाजियाबाद के पशु प्रेमी  कोरोना वायरस  के लॉक-डाउनड की कठिन परिस्थितियों में  अपने सेवा भाव और पशु पक्षियों  से लेकर  इंसान की सेवा में निरंतर तत्पर है। हर रोज  अपने  क्षमता के अनुसार  बिना किसी सहयोग के  खाने पीने की कोई न कोई सामग्री लेकर के निकल पड़ते हैं। एम्स से ऑपरेशन करा कर लौटे रामानुज सिंह कड़ी हिदायत ओं का पालन करते हुए जीव-रक्षा में जुटे हुए हैं।  


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के  प्रेरणा से  संचारित विश्व हिंदू महासंघ  के उत्तरदायित्वों  का निर्वाहन करते हुए  जीव दया का कार्य निरंतर  जारी रखे हैं। रामानुज का मानना है कि  धर्म और कर्म  इंसानियत का  रास्ता है  और हर किसी को इस रास्ते पर चलना चाहिए। रामानुज के जीवन का मूल मंत्र  है - "कर्म प्रधान विश्व करि राखा , जो जस करे तो  तस फल चखा। " और इस  दोहे से प्रेरित होकर जीव सेवा में लगा दिया है।    रामानुज सिंह विश्व हिंदू महासंघ प्रदेश कार्यकारिणी  में  सदस्य  एवं भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड  में जिला जीव जंतु कल्याण अधिकारी  के पदों का निर्वहन करते हुए।  निस्वार्थ भाव से  कोरोना वायरस  के इस विपत्ति के दौर में  चलते जा रहे हैं।  


यह बता दें कि  रामानुज सिंह अभी पिछले महीने  एम्स नई दिल्ली में  भर्ती थे  जहां  डॉक्टरों ने दोबारा उनके पेट का ऑपरेशन कर उनकी जान बचाई और घर पर रहकर  स्वास्थ्य लाभ करने की सलाह दी थी , लेकिन वह सवेरे - शाम  जीव जंतु और  जरूरतमंदों की  सेवा करने से नहीं चूकते। कमजोर शरीर और डॉक्टरों की हिदायत  के बाद भी  इनका कार्य निरंतर चल रहा है।



"अपने सामर्थ्य अनुसार इस बेसिक महामारी में जीव जंतुओं के साथ-साथ आम जनमानस की जो सेवा कर पा रहा हूं , वह कर रहा हूं। मेरी यह सेवा निस्वार्थ भाव से ऐसे ही आगे भी चलती रहेगी।  मैं सभी अपने मित्रों साथियों  और संबंधियों से आग्रह करता हूं कि आप सभी अपने आसपास के जीव -जंतु  तथा जरूरतमंदों का ख्याल रखें।  अपने सामर्थ्य अनुसार सेवा  अवश्य  शिवा करें। यह अवसर निकलने में दें।  इसी के साथ ही साथ अपना भी ख्याल  रखें  और अपने परिवार का  भी ख्याल अवश्य रखें।"


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