फरीदाबाद की प्रीति दुबे  कोरोनावायरस "कोविड-19" के दौरान बेसहारा जानवरों की  बनी मसीहा , कहा-" बेसहारा पशुओं की प्राणरक्षा को भी लोग रोकते हैं"



फरीदाबाद (हरियाणा)


फरीदाबाद की  युवा पशु प्रेमी  प्रीति दुबे कोरोनावायरस  कोविड-19 के नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा बंद के आवाहन के बाद नियमानुसार सड़क और गली कूचे के बेसहारा पशुओं को भोजन- पानी देने में जुटी हैं और लोगों से अपील कर रही हैं कि लोग अपने पास पड़ोस के पशु पक्षियों को चारा - दाना देते देते रहें. उन्होंने  यह भी अनुरोध किया कि इस कार्य को कदापि बंद नहीं किया जाना चाहिए.  


प्रीति का कहना है कि इस पुण्य काम में तमाम लोग बाधा डालते हैं और उन्हें न तो जीव दया से कुछ लेना-देना है और ना ही धरती पर मौजूद पशु- पक्षियों, पेड़ पौधों और पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए मानव अस्तित्व को बनाए रखने  रखने में  सभी का बराबर का योगदान है , ऐसे लोगों को इसका तनिक भी एहसास नहीं है. इस बारे में उनका कहना है कि लोगों में जागरूकता का अभाव है. सरकार द्वारा जन जागृति कार्यक्रम चलाने से लेकर इस दिशा में काम करने वाले लोगों को उत्साहित करने की अत्यंत आवश्यकता है.



प्रीति पिछले एक दशक से जीव दया एवं पशु कल्याण के क्षेत्र में काम कर रही हैं . अपने निस्वार्थ  सेवा  और पशु प्रेम के वजह से  कैरियर बनाने के लिए सिविल सर्विस की तैयारी को छोड़कर पशु कल्याण को  जीवन का उद्देश्य बना लिया  है. वर्तमान में  पीपल फॉर एनिमल्स नामक संस्था की एक इकाई चला रही हैं. इसके लिए उन्होंने अपने संघर्ष पूर्ण दिनचर्या से कई लोगों का दिल जीत लिया और लोगों से दान प्राप्त कर आज पशुओं के देखरेख, चिकित्सा एवं आकस्मिक सेवा की सुविधा के लिए एक शेल्टर भी बना लिया है. जहां पर एक क्लीनिक के साथ  एंबुलेंस की व्यवस्था करने में सफल  हो गई है .


प्रीति अपने रोजाना के कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि हमारे देश में महिलाओं की एक तरफ बहुत इज्जत होती है. वेदों और पुराणों में भी मैं देवी - देवताओं के रूप में सम्मानित किया गया है. किंतु बेहद शिक्षित और पढ़े-लिखे आज के समाज में भी लोग महिलाओं की इज्जत नहीं करते और उनके द्वारा किए गए कार्यों में  बाधा डालते- कई जगहों पर उन्हें पशुओं की प्राण रक्षा करने से  भी रोकते हैं, जो निहायत निंदनीय है और अमानवीय है.


पीपल फॉर एनिमल्स, फरीदाबाद  इकाई की संचालक प्रीति दुबे राज्य और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि  जीव जंतु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960  के अनुसार पशु सेवा में लगे लोगों के कार्य में बाधा डालने वालों के प्रति सख्त कार्यवाही होनी चाहिए  और पशु कल्याण की दिशा में कार्यरत महिलाओं की आवाज  राज्य  एवं केंद्र सरकार द्वारा तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए अन्यथा  "पशु सुरक्षा - पर्यावरण सुरक्षा" का वास्तविक उद्देश्य अपने लक्ष्य से भटक जाएगा.



उन्होंने कोविड-19 से बचाव के दिशा में सरकार द्वारा जारी नियमों का प्रतिपादन करने एवं भारत सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशन को मद्देनजर रखते हुए बेसहारा पशुओं को भोजन पानी देने की अपील की और कहा कि जितना संभव हो हर घर- हर परिवार अपने पास - पड़ोस के पशु पक्षियों को दाना -पानी देते रहें, यही हमारी धर्म और संस्कृति है जहां पग-पग पर इंसानियत का एक से एक बड़ा उदाहरण मिलेगा जिसकी समूची दुनिया कायल है.


प्रीति के उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए  भारत सरकार की ओर से उन्हें नारी शक्ति पुरस्कार से  सम्मानित किया जा चुका है. इसके साथ साथ अब तक जीव दया एवं जीव रक्षा  दर्जनों सम्मान एवं प्रमाण पत्र के लिए प्रदान किया गया है. 


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