भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्वयंसेवी संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी- गिरीश जयंतीलाल शाह ने मुख्यमंत्री को बधाई दिया
मुंबई (महाराष्ट्र)
गौ सेवा एवं गौ संवर्धन के लिए समर्पित गुजरात राज्य के मुख्यमंत्री विजय भाई रुपाणी ने प्रदेश के गौशालाओं एवं पंजरापोलों के लिए 100 करोड़ के अनुदान का प्रावधान किया है। इस संबंध में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता स्वयंसेवी संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह ने गुजरात के मुख्यमंत्री को आभार प्रकट करते हुए इसे आदर्श कार्य कहा है।
समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी, गिरीश जयंतीलाल शाह ने बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री , विजयभाई रूपानी जी और नायब मुख्यमंत्री नीतिनभाई पटेल का 2020 के बजट में 100 करोड़ रुपए का प्रावधान गुजरात की पांजरापोल के विकास के लिए घोषित किया। इसलिए गुजरात राज्य के सभी पांजरापोल के ट्रस्टी की ज़िम्मेदारी होती है। शाह ने अनुरोध किया है कि सरकार के नीति नियम मुताबिक़ काग़जात प्रस्तुत करके रक़म उपयोग में ले लेना चाहिए। आगे उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि गुजरात के सभी पांजरापोल के ट्रस्टीमंडल तुरंत कार्यवाही करे और इस योजना को सम्पूर्ण सफलता प्रदान करे ।
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य राज्यों के सभी पांजरापोल के ट्रस्टी अपने स्थानिक सांसद महोदय और स्थानिक विधानस सभा के माध्यम से या अपने राज्य के मुख्यमंत्री और वीत मंत्री से मिलकर आपके राज्य में भी इस प्रकार की योजना लागू क़राने की कोशिश करे। केंद्र सरकार को भी ओर्गानिक फ़ार्मिंग को बढ़ावा देना हो और पशुपालक को वाक़ई में मदद करनी हो तो गाँव गाँव के गोचर विकास और भारत की सभी पांजरापोल के विकास का मास्टरप्लान अमल करना होगा।
गुजरात में गौ सेवा एवं गौ संवर्धन के बारे में बहुत अधिक जागृति है। विश्व में गुजरात राज्य में स्थित पालीताना एक ऐसा कस्बा है जो शुद्ध शाकाहारी है। गुजरात में कार्यरत गौ सेवा एवं गोचर विकास बोर्ड कि कई उपलब्धियां देश के अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण है। लॉकडाउन के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री ने गौ सेवा के लिए यह अनुदान स्वीकृत कर सबका मन मोह लिया। भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड के सदस्य एवं समस्त महाजन संस्था के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीश जयंतीलाल शाह ने मुख्यमंत्री के निर्णय के लिए बधाई दिया है और अनुरोध किया है कि गुजरात में इसी प्रकार से पशु कल्याण की सेवाएं करते रहे।
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