इमेल के माध्यम से झारखंड के पशु चिकित्सा अधिकारी करेंगे पुरानी पेंशन बहाली की मांग

9 अगस्त,2020 लखनऊ(उ.प्र.)


कोरोना महामारी के कारण बदली हुई परिस्थितियों में कर्मचारियों ने अपने आंदोलन के तरीकों को भी बदला।हेमन्त सोरेन ने चुनाव के समय पुरानी पेंशन बहाली का घोषणा किया था अब कर्मचारी उनसे उनका घोषणापत्र लागू करने की मांग कर रहे हैं।नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम, झारखंड के बैनर तले क्रमिक आंदोलन करते हुए कर्मचारियों ने 8 अगस्त को मेल टो सीएम- मुख्यमंत्री को पत्राचार अभियान की घोषणा की है जिसके तहत राज्य के सभी कर्मचारी ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर उनसे चुनाव में किए गए वादे को पूरा करते हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग करेंगे। 


इस संदर्भ में प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि वर्ष 2004 के उपरांत सरकारी सेवा में आने वाले कर्मचारी पिछले कई वर्षों से नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे हैं।गत विधानसभा चुनाव के समय भी इसे राजनैतिक दलों ने बड़ा मुद्दा बनाया था। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने घोषणा पत्र में सरकार आने के बाद पुरानी पेंशन बहाली का वादा किया था।वर्तमान परिस्थिति में जब हर कोई कोरोना महामारी से बचने के लिए  अपने घरों में कैद हैं तो वहीं सरकारी कर्मचारी, डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, पुलिस कर्मी, बिजली कर्मी सभी अपनी जान को दांव पर लगाकर इस महामारी से लड़ने में माननीय मुख्यमंत्री जी का पूरे हृदय से साथ दे रहे हैं।ऐसी स्थिति में सरकार का भी यह दायित्व बनता है कि वह अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करे, इससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति सकारात्मक संदेश जाएगा।


साथ ही वर्तमान वित्तीय परिस्थिति में सरकार को भी कर्मचारियों के एनपीएस खाते में दिए जाने वाले उनके वेतन का 10% राशि का भी बचत होगा जिससे सरकार को इस महामारी के समय वित्तीय संकट से  उबरने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री से पत्राचार कार्यक्रम की  तैयारियों को लेकर एनएमओपीएस के प्रांतीय सोशल मीडिया प्रभारी, राकेश कुमार ने कहा कि कल हजारों की संख्या में कर्मचारी, माननीय मुख्यमंत्री जी को मेल के माध्यम से ज्ञापन सौंपेंगे उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री इस विषय पर त्वरित कार्रवाई करें। यह जानकारी संगठन के प्रांतीय मिडिया प्रभारी, डाॅ0 शिवानंद काशी नें दी।


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